Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
डायरी से शायरी
#1

मत पूछो मुझसे मेरी कैफ़ियत,
ये हुज़ूम मुझे पसन्द नहीं,
ये सच है ,वो सच है ,में ताउम्र भटकते रहे।
लेक़िन सच सिर्फ़ मौत है , 
इसमे भी तो कोई शक़ नहीं।।।
Reply



[-]
Quick Reply

Forum Jump:


Users browsing this thread:
2 Guest(s)

Powered By MyBB, © 2002-2024 iAndrew & Melroy van den Berg.